बहुत छोटा था जब माँ की मौत हो गई थी .बिना वजह भी
माँ की डांट और पिता से प्रताड़ना मिलती थी ...
बहुत कोशिश करता था की कोई गलती न करूँ पर ऐसा कभी हो नहीं पाता था.....नाते रिश्तेदारों को कहते सुना थी की माँ सौतेली हो तो पिता भी सौतेला हो जाता है .....जब से आँख खोली थी उसी माँ को देखा था ...
पता नहीं था मुझे की माँ कैसी होती है और माँ का प्यार कैसा होता है ?
पढने की बहुत इच्छा होती थी पर माँ हमेशा कोई न कोई काम बता देती थी .....दिन में बकरी चराने जाता था तो किताबें साथ ले जाता था .....वहीँ पढता था .....कई बार पढने के क्रम में ध्यान नहीं रख पाता था और किसी के खेत बकरी चली जाती थी परिणामस्वरुप माँ और पिता दोनों
के कोपभाजन का शिकार होना पड़ता ....बहुत मुसीबतें आई पर पढना नहीं
छोड़ा ....मैट्रिक बोर्ड की परीक्षा देनी थी ....सोचा १ महीने गणित की कोचिंग ले लूं पर पिताजी ने मना कर दिया ..पर कभी हार नहीं मानी ....मेहनत मजदूरी कर पढ़ाई जारी रखी ....अपने जीवन का संस्मरण सुनाते
वक्त रामप्रसाद जी की आँखें भर आई ....आज वो सरकारी नौकरी में अच्छे
पोस्ट पर हैं .....हर साल गर्मी की छुट्टियों में गाँव आना नहीं भूलते ....
अपने सौतेले भाई-बहन से सम्बन्ध बनाये हुए हैं .....माँ-बाप तो नहीं रहे ..
पर अपने जमीं से जुड़े हुए हैं ......उनका कहना है कि जमीं से जुड़े रहे तो आसमान अपना होता है ....
बीते दिनों की यादें उन्हें दुखी नहीं करती ....उनका कहना है की अगर उन्हें सारी सुविधाएँ मिल जाती तो शायद वो वहां तक
नहीं पहुँच पाते जहाँ आज हैं ...
वास्तव में ऐसे लोग प्रेरणा के स्त्रोत होते हैं ..सम्मानीय
और पूजनीय होते हैं .....जीवन का आदर्श प्रस्तुत कर औरों को भी जीवन
जीने के लिए प्रेरित करते हैं .......
प्रेरणा दायक ....!!देखिये ऐसे भी लोग होते हैं और तरक्की कर जाते हैं ....!!
जवाब देंहटाएंआपके सभी ब्लाग देखे वाकई में बहुत सुन्द संग्रह है, आभार
जवाब देंहटाएंहिन्दी तकनीकी क्षेत्र की जादूई जानकारियॉ प्राप्त करने के लिये एक बार अवश्य पधारें और टिप्पणी के रूप में मार्गदर्शन प्रदान करने के साथ साथ पर अनुसरण कर अनुग्रहित करें MY BIG GUIDE
नई पोस्ट अपनी इन्टरनेट स्पीड को कीजिये 100 गुना गूगल फाइबर से
जवाब देंहटाएंसफल जीवन के लिए धुंध के उस पार जाना ही होगा .सकारात्मक सोच लिए आगे बढ़ना होगा हर कर्म सकारात्मक सोच के साथ करना होगा .मन दर्पण से धुंध साफ़ करनी होगी .
तमाम उम्र ग़ालिब एक ही गजल लिखते रहे ,
धुल चेहरे पर थी आईना साफ़ करते रहे ,
बढ़िया प्रस्तुति .आभार आपकी टिप्पणियों के लिए .
Pahli baar aapke blogpe aayee hun..badahee achha laga!
जवाब देंहटाएंdhanyavad kshama jee .....
हटाएंsunder prastuti hai
जवाब देंहटाएंbadhai
rachana
preranaa daayak ....
जवाब देंहटाएं.सार्थक भावनात्मक अभिव्यक्ति ..आभार . हम हिंदी चिट्ठाकार हैं.
जवाब देंहटाएंBHARTIY NARI .
एक छोटी पहल -मासिक हिंदी पत्रिका की योजना
इतने कष्ट सहने के बाद भी सौतेले भाई बहन से संबध बनाए रखना बड़े दिल की निशानी है
जवाब देंहटाएंसच कहा है अपनी जमीं से जुड़ना तो आसमां ही होता है...
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